E-COURSE
ON
VULNERABILITY ATLAS
OF INDIA

  कार्यकारी निदेशक के डेस्क से

अधिक जानकारी

  नई पहलें : उभरती प्रौद्योगिकियां
 
 

गठन, कार्यों और कर्तव्यों का विवरण

संविधान

निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमटीपीसी) की स्थापना 1990 में तत्कालीन शहरी विकास मंत्रालय (अब आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय), भारत सरकार द्वारा पदोन्नति, विकास और बड़े पैमाने पर एक शीर्ष स्तर के अंतर-मंत्रालयी संस्थान के रूप में प्रयोगशाला से भूमि तक नई, लागत प्रभावी, अभिनव, ऊर्जा कुशल, पर्यावरण के अनुकूल और आपदा प्रतिरोधी निर्माण सामग्री और निर्माण प्रौद्योगिकियों का बड़े पैमाने पर प्रसार  करने हेतू की गई ।

 

दृष्टि

बीएमटीपीसी, आम आदमी पर विषेश ध्यान देते हुए आपदा रोधी निर्माण सहित सुस्थिर निर्माण सामग्रियों और उचित प्रौद्योगिकियों तथा प्रणालियों के क्षेत्र में सभी के लिए विश्व स्तरीय ज्ञान (नॉलेज) तथा प्रदर्शन (डिमोंस्ट्रेशन) हब बने।

 

मिशन

आवास के सुस्थिर विकास के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों सहित संभावित लागत प्रभावी, पर्यावरण अनुकूल, आपदा रोधी निर्माण सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों के संवर्द्धन और प्रयोगशालाओं से जमीन तक इनके अंतरण के लिए व्यापक और एकीकृत दृश्टिकोण बनाने की दिशा में कार्य करना

 

उद्देश्य

  • भवन निर्माण सामग्री एवं निर्माण प्रौद्योगिकियांः  निर्माण क्षेत्र में प्रमाणित नवोन्मेशी एवं उभरती निर्माण सामग्रियां तथा प्रौद्योगिकियों के विकास, मानकीकरण, यंत्रीकरण तथा बड़े पैमाने पर धरातल पर अनुप्रयोग को बढ़ावा देना।
  • क्षमता निर्माण एवं कौशल विकासः व्यावसायिकों, निर्माण एजेंसियों, कारीगरों हेतु क्षमता निर्माण एवं उचित निर्माण पद्धतियों को प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रशिक्षण संसाधन केन्द्र के रूप में काम करना तथा निर्माण प्रौद्योगिकी को प्रयोगशाला से जमीन तक लाने के लिए विपणन करना
  • आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधनः प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण, भेद्यता तथा जोखिम कम करने की प्रौद्योगिकियों एवं कार्य-प्रणालियों को बढ़ावा देना और रेट्रोफिटिंग/भवनों का पुनर्निमाण तथा मानव बस्तियों के लिये आपदारोधी योजना बनाना।
  • परियोजना प्रबंधन एवं परामर्श: मूल्यांकन, निगरानी तथा केन्द्र/राज्य की विभिन्न योजनाओं के तहत आवास परियोजनाओं का तृतीय पक्ष का निरीक्षण सहित परियोजना प्रबंधन तथा परामर्श की सेवाएं देना।

 

प्रमुख कार्य क्षेत्र

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तौर पर आवास क्षेत्र के लिए उपलब्ध प्रमाणित एवं उभरती आवास प्रौद्योगिकियों की पहचान करना, उसका मूल्यांकन करना एवं उसे बढ़ावा देना।
  • निर्माण में गति, किफायत, कुशलता एवं गुणवत्ता को प्रोत्साहित करना।
  • प्रौद्योगिकियों को प्रोन्नत करने, जानकारी जुटाने, आत्मसात करने तथा प्रसार करते हुए प्रौद्योगिकियों के बड़े पैमाने पर अनुप्रयोग हेतु सामर्थ्यकारी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना।
  • प्रदर्शन संरचना के माध्यम से प्रमाणित, स्थानीय तौर पर उपलब्ध एवं उभरती प्रौद्योगिकियों हेतु पर्यावरण अनुकूल, ऊर्जा दक्ष तथा आपदा रोधी प्रौद्योगिकियों का जमीनी स्तर पर अनुप्रयोग।
  • उभरती हुई प्रौद्योगिकी/ प्रणाली सहित प्रमाणित भवन निर्माण सामग्रियों/प्रौद्योगिकियों पर संहिताओं, अनुसूचियों और मानकों का निरुपण।
  • लागत प्रभावी एवं नवोन्मेशी भवन निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकियों के लाभ, टिकाऊपन एवं स्वीकार्यता का प्रलेखन।
  • क्षमता निर्माण कार्यक्रमों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों के द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिकों एवं निर्माण कामगारों के कौशल को संवर्धन करना
  • आपदा रोधी निर्माण प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करना
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत डेटा संसाधन-एवं-निगरानी केन्द्र (डीएमआरसी) के संचालन कार्य प्रांरभ करने संहित आवास परियोजनाओं का मूल्यांकन, निगरानी तथा तृतीय पक्ष निरीक्षण करना।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत अतिरिक्त बजटीय संसाधन के माध्यम से राष्ट्रीय शहरी आवास निधि (एनयूएचएफ) का क्रियान्वयन
  • परियोजना प्रबंधन तथा परामर्शी सेवाएं
  • उपयोगकर्ता मैन्यूअल, दिशानिर्देश, सार-संग्रह, निर्देशिका, विवरणिका, तकनीकी-व्यवहार्यता रिपोर्ट, वीडियो फिल्म, प्रदर्शन सीडी, इंटरेक्टिव वेबसाइट के प्रकाशन सहित सफलता की कहानियों का प्रलेखन।
 
सभी के लिए किफायती आवास हेतु अनुकूल माहौल तैयार करना..... 1990 से
 
होम l हमसे संपर्क करें l प्रतिक्रिया l साइट मानचित्र
Designed & developed by: हॉलीवुड मल्टीमीडिया लिमिटेड सभी अधिकार सुरक्षित: बीएमटीपीसी